12
Bhakti Yoga
भक्ति योग
13
Sanskrit
अद्वेष्टा सर्वभूतानां मैत्रः करुण एव च । निर्ममो निरहंकारः समदुःखसुखः क्षमी ॥१३॥
Hindi Translation
जो पुरुष सब भूतों में द्वेषभाव से रहित, स्वार्थरहित, सबका प्रेमी और हेतु रहित दयालु है तथा ममता से रहित, अहंकार से रहित, सुख-दुःखों की प्राप्ति में सम और क्षमावान् है अर्थात अपराध करने वाले को भी अभय देने वाला है;
English Translation
He who is free from malice towards all beings, friendly and compassionate, rid of 'I'
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Sep 10, 2025
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