Chapter 6
Dhyana Yoga
Verse 26
Sanskrit
यतो यतो निश्चरति मनश्चञ्चल्लमस्थिरम् | ततस्ततो नियम्यैतदात्मन्येव वशं नयेत् ॥ २६ ॥
Hindi Translation
यह स्थिर न रहने वाला और चञ्चल मन जिस-जिस शब्दादि विषय के निमित्त से संसार में विचरता है, उस विषय से रोककर यानी हटाकर इसे बार-बार परमात्मा में निरुद्ध करे ॥ २६ ॥
English Translation
Drawing back the restless and fidgety mind from all those objects after which it runs, he should repeatedly fix it on God. (26)